ॐ जय महावीर प्रभो, जग नायक

ॐ जय महावीर प्रभो! स्वामी जय महावीर प्रभो ।

जग नायक सुखदायक, अति गंभीर प्रभो ।। ॐ जय ।।


कुण्डलपुर में जन्में त्रिशला के जाए, स्वामी त्रिशला के जाए ।

पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए ।।१।।


दीनानाथ दयानिधि हो मंगलकारी, स्वामी हो मंगलकारी ।

जगतहित संयम धारा, प्रभु पर उपकारी ।।२।।


पापाचार मिटाया, सत्पथ दिखलाया, स्वामी सत्पथ ।

दया धर्म का झंडा, जग में लहराया ।।३।।


अर्जुनमाली, गौतम, श्री चन्दनबाला, स्वामी श्री चन्दन ।

पार जगत से बेडा, इनका कर डाला ।।४।।


पावन नाम तुम्हारा, जग तारणहारा, स्वामी जग तारण ।

निश दिन जो नर ध्यावे, कष्ट मिटे सारा ।।५।।


करूणासागर! तेरी महिमा है न्यारी, स्वामी महिमा है ।

‘ज्ञान मुनि’ गुण गावे, चरणन बलिहारी ।।६।।