जय नेमीनाथ स्वामी, प्रभु जय नेमीनाथ स्वामी ।।
तुम हो भव दधि तारक प्रभु जी, तुम हो भव दधि तारक प्रभु जी ।
अन्तर के यामि स्वामी, जय नेमीनाथ स्वामी ।।१।।
समवशरण में आप विराजे, समवशरण में आप विराजे ।
खिरे मधुर वाणी स्वामी, जय नेमीनाथ स्वामी ।।२।।
सुन भवि परम तत्व को पावत, सुन भवि परम तत्व को पावत ।
सुख सम्यक ज्ञानी स्वामी, जय नेमीनाथ स्वामी ।।३।।
यक्ष यक्षिणी चंवर ढोरते, यक्ष यक्षिणी चंवर ढोरते ।
महिमा अब जानी स्वामी, जय नेमीनाथ स्वामी ।।४।।
तीन छत्र सिर पर तुम सोहे, तीन छत्र सिर पर तुम सोहे ।
ध्यावत मुनि ध्यानी स्वामी, जय नेमीनाथ स्वामी ।।५।।