जय मुनिसुव्रतनाथ स्वामी, प्रभु मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ।
भक्ति भाव से प्रणमु तुमको, जय अन्तरयामि ।
जय मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ।।
राजगृही में जन्म किया प्रभु , आनन्द भयो भारी ।
सुर नर मुनि गुण गाये तिहारी, आरती करी थारी ।
जय मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ।।१।।
पिता तिहारे सुमित्र राजा , शामा के जाया ।
श्याम वर्ण मूरत तेरी हैं, पैठण अतिशय दर्शाया ।
जय मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ।।२।।
जो ध्यावे सुख पावे सब ही , सब संकट को दूर करे ।
मंवांचित फल पावे सब ही , जो प्रभु चरण हरे ।
जय मुनिसुव्रतनाथ स्वामी ।।३।।