बाजे छम छम छम बाजे घुँघरू बाजे घुँघरू
हाथों में दीपक लेकर आरती करूँ
बाजे छम छम ।।
प्रभु को उठाया हाथी पे बिठाया
पांडुक बन अभिषेक कराया, इसलिए प्रभु तेरी आरती करूँ ।।१।।
हम सब प्रभु के गुण को गाएँ
प्रभुजी के चरणों में शीश झुकाएँ, इसलिए प्रभु तेरी आरती करूँ ।।२।।
प्रभु तुम बिन मोहे कोई ना संभाले
प्रभु तुम बिन कोई ना पारे लगावे, इसलिए प्रभु तेरी आरती करूँ ।।३।।