जय श्री अजित प्रभु, स्वामी जय श्री अजित प्रभु ।
कष्ट निवारक जिनवर, तारनहार प्रभु ॥
पिता तुम्हारे जितशत्रू और, माँ विजया रानी । स्वामी माँ...
माघ शुक्ल दशमी को जन्मे, त्रिभुवन के स्वामी ।।
स्वामी जय श्री अजित ।।१।।
उल्कापात देख कर प्रभु जी, धार वैराग्य लिया । स्वामी धार...
गिरी सम्मेद शिखर पर, प्रभु ने पद निर्वाण लिया ।।
स्वामी जय श्री अजित ।।२।।
यमुना नदी के तीर बटेश्वर, अतिशय अति भारी । स्वामी अतिशय...
दिव्य शक्ति से आई प्रतिमा, दर्शन सुखकारी ।।
स्वामी जय श्री अजित ।।३।।
प्रतिमा खंडित करने को जब, शत्रु प्रहार किया । स्वामी शत्रु...
बही ढूध की धार प्रभु ने, अतिशय दिखलाया ॥
स्वामी जय श्री अजित ।।४।।
बड़ी ही मन भावन हैं प्रतिमा, अजित जिनेश्वर की । स्वामी अजित...
मंवांचित फल पाया जाता, दर्शन करे जो भी ॥
स्वामी जय श्री अजित ।।५।।
जगमग दीप जलाओ सब मिल, प्रभु के चरनन में । स्वामी प्रभु...
पाप कटेंगे जनम जनम के, मुक्ति मिले क्षण में ॥
स्वामी जय श्री अजित ।।६।।